इसरो ने शुक्रवार को(10JULY15) आंध्र प्रदेश के
श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी28 से पांच ब्रिटिश व्यावसायिक उपग्रहों का सफलतापूर्वक
प्रक्षेपण किया। इसरो का यह अब तक का सबसे बडा व्यावसायिक मिशन था। भारतीय
अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह वाहन पीएसएलवी-सी28 ने पांच ब्रिटिश उपग्रहों के साथ सतीश
धवन अंतरिक्ष केंद्र से रात 9 बजकर 58 मिनट पर उडान भरी और उडान भरने के करीब 20 मिनट बाद उसने पांचों उपग्रहों को सौर
समकालिक कक्षा में स्थापित कर दिया। सफल रहा मिशन इस पर खुशी जताते हुए इसरो
अध्यक्ष किरन कुमार ने बताया, "यह बहुत अच्छा मिशन रहा। बहुत सफल
मिशन रहा।" ये उपग्रह पृथ्वी की सतह पर रोजाना किसी भी लक्ष्य की तस्वीर ले
सकते हैं। इनका मुख्य उपयोग पृथ्वी पर संसाधनों और उसके पर्यावरण का सर्वेक्षण
करना, शहरी
अवसंरचना का प्रबंधन करना और आपदा प्रबंधन है। मिशन की आयु सात वर्ष रहने की
संभावना है। 40 कमर्शियल
विदेशी सैटेलाइट्स लॉन्च भारत की पीएसएलवी सीरीज के तहत यह 30वीं लॉन्चिंग है। अभी तक भारत 40 कमर्शियल विदेशी सैटेलाइट्स लॉन्च कर
चुका है। पीएसएलवी की 30वीं उडान
में तीन एक समान डीएमसी3 ऑप्टिकल पृथ्वी निगरानी उपग्रह थे
जिनका निर्माण ब्रिटेन ने किया है। इसके साथ ही दो सहायक उपग्रह भी थे। तीनों
डीएमसी3 उपग्रहों, जिनमें प्रत्येक का वजन 447 किलोग्राम था, को पीएसएलवी-एक्सएल के आधुनिक संस्करण
का उपयोग करते हुए सौर-समकालिक कक्षा में स्थापित किया गया।
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