खुजली की समस्या से कमोबेश सभी वाकिफ हैं। बीमारी क्यों होती है, यह अभी तक रहस्य ही बनी थी। मगर भारतीय वैज्ञानिक डॉ. संतोष मिश्रा ने इसका पता लगा लिया है। उन्होंने अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूटस ऑफ हेल्थ के अपने सहयोगी डॉक्टर हून के साथ मिलकर खुजली का कारण तलाशने में सफलता पाई है।
डॉ. संतोष मूलत: दरभंगा जिले के बेनीपुर अनुमंडल के चोगमा गांव के निवासी हैं। विदेशी धरती पर उनका यह शोध मिथिला के लिए गौरव और उत्सुकता का विषय है।
चार-पांच साल का समय लगा: बकौल, डॉ.संतोष खुजली के कारणों का पता लगाने में चार -पांच साल का वक्त लग गया। अभी इसमें और भी काम करना है। उनके मुताबिक, खुजली के लिए नैट्रियूरेटिक पोलिपेपटाइड बी (एनपीपीबी) नाम का एक मॉलिक्यूल जिम्मेदार है। यह स्पाइनल कॉर्ड के एक खास नर्व सेल में जाकर बैठ जाता है। इससे दिमाग को खुजली होने का संकेत मिलता है। दरअसल, यह एक तरह से हमारी त्वचा की दर्द तंत्रिकाओं की उत्तेजना है।
उन्होंने कहा कि मई 2013 में शोध का काम पूरा हुआ। साइंस पत्रिका और कुछ यूरोपीय जर्नल्स में इसकी खबर आई। इसके बाद डिस्कवरी मैगजीन के जनवरी 2014 के अंक में टॉप हंड्रेड न्यूज में इस शोध को जगह मिली। डॉ. संतोष ने कहा कि अभी इसके निदान के कारण तलाशने में लगे हैं। अपनी इस सफलता के लिए सहयोगियों व परिजनों को धन्यवाद दिया।
पिता को राष्ट्रपति पदक: जिले के बहेड़ा थाना क्षेत्र के चोगमा गांव में डॉ.संतोष मिश्रा का पुश्तैनी घर है। यहां पर अन्य सदस्य रहते हैं। पिता महंत मिश्रा दिल्ली पुलिस में हवलदार हैं। वर्ष 1996 में उत्कृष्ट कार्य के लिए पिता राष्ट्रपति पदक से सम्मानित हो चुके हैं। अभी गांव के मकान में ताला लगा है। डॉ. संतोष मिश्रा के अनुज विजय कुमार मिश्रा पिता के साथ दिल्ली में रहते हैं। डॉ. संतोष मिश्रा की विधवा चाची मोती देवी, चचेरे भाई कृष्ण कुमार मिश्र सहित अन्य गांव में रहते हैं।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि: परिजनों के मुताबिक, डॉ. संतोष मिश्रा की इंटर तक की पढ़ाई एमबीडीएवी पब्लिक स्कूल, दिल्ली में हुई। वर्ष 2003 में अन्ना विश्वविद्यालय मद्रास से एमटेक किया। वर्ष 2006 में जर्मनी के डॉ.जॉन ग्रोथे विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। इसके बाद पत्नी डॉक्टर वर्षा के साथ अमेरिका में सेटल हो गए। संतोष की पत्नी ने भी अलजाइम डिजीज पर शोध कार्य किया है।
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