भारतीय
विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, जिसके जरिए देश के हर नागरिक को
आधार दिया जा रहा है, के पूर्व मुखिया नंदन नीलेकणि अब
शिक्षा की अलख जगाने के लिए आगे आ रहे हैं। नीलेकणि की योजना है कि प्राथमिक
शिक्षा में नवाचार किया जाए ताकि 5-12 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को
पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाए और प्रौद्योगिकी के जरिए उन्हें गणित में महारथ
हासिल कराई जा सके। सूत्रों के अनुसार उनका उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में
प्रौद्योगिकी का ऎसा प्लेटफार्म सुलभ कराना है जिसके जरिए शिक्षकों, अभिभावकों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं
को सीखने में आने वाली विशेष समस्याओं को हल करने में राहत मिल सके। "एक
स्टेप" नाम से इस प्रोजेक्ट पर नीलेकणि ने कार्य भी शुरू कर दिया है। इस
योजना के अन्तर्गत देश के हर बच्चे को शिक्षा से जोड़ने की पहल की जाएगी और देश
में शिक्षा का माहौल बनाया जाएगा। गौरतलब है कि आधार कार्ड का विरोध कर रही मोदी
सरकार ने नंदन नीलेकणि के समझाने के बाद ही आधार कार्ड योजना को जारी रखा था।
बताया जाता है कि उन्होंने पीएम मोदी को इसके फायदे बताए, जिसके
आधार पर ही पीएम ने जन-धन आधार
मोबाइल योजना
तथा अन्य योजनाओं को आधार कार्ड से कनेक्ट करने का निर्णय लिया। सूत्रों के अनुसार
उनकी पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात भी हुई है और उन्होंने
अपनी योजना का खाका भी पेश किया है। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार नंदन नीलेकणि
कांग्रेस छोड़ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि 2014 के चुनाव
के दौरान उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वे बेंगलूरू की दक्षिणी सीट से
चुनाव भी लड़े, पर विजयी नहीं
हुए। इसके बाद न तो कांग्रेस की राज्य इकाई और न ही केन्द्रीय नेतृत्व ने उन्हें
गंभीरता से लिया।
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