
स्मार्टफोन यूज पर हुए बैंक ऑफ अमेरिका के हालिया सर्वे में एक तिहाई लोगों ने कहा कि वे अकसर अपने स्मार्टफोन्स चेक करते रहते हैं। वहीं दो तिहाई से थोड़े ज्याजा लोगों ने कहा कि वे स्मार्टफोन को अपने पास रखकर सोते हैं। इन आदतों के आधार पर नई कम्पनियां लोगों को स्मार्टफोन्स से दूर करने में बिजनस का मौका तलाश रही हैं।इनमें से कई सारे डिस्ट्रैक्शन रिड्यूसिंग प्रॉडक्ट्स 'वियरेबल टेक्नॉलजी' की श्रेणी में आते हैं। ऐपल स्मार्टवॉच जैसे गैजट्स का उद्देश्य भी यही है कि लोग फोन कम से कम चेक करें। पिछले महीने ही गूगल और लिवाइज़ ने हाई टेक कपड़े बनाने के प्लान्स का ऐलान किया। मसलन वे ऐसे कपड़े बनाएंगे कि जैकेट का कफ स्वाइप कर फोन को बंद कर सकेंगे।
इसके अलावा ऑफटाइम नाम के ऐप से किसी भी ऐप के लिए कस्टमर्स के ऐक्सेस को सीमित किया जा सकेगा। इससे जिन ऐप्स की यूजर को लत लग चुकी है उससे उसे छुटकारा मिल जाएगा। ऑफटाइम उनकी ऐक्टिविटी का लॉग बनाकर चार्ट भी प्रड्यूस करेगा जिससे यह पता चल सकेगा कि वे अपने फोन्स पर कितना समय बिताते हैं। एक दूसरा ऐप मोमेंट लोगों को अपना फोन यूज लॉग दोस्तों के साथ शेयर करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इससे एक प्रतिस्पर्धा को बल मिलता है कि किसने अपने फोन को सबसे कम इस्तेमाल किया।इनमें सबसे ज्यादा रैडिकल 12 डॉलर का नोफोन है। यह दिखने में बिल्कुल स्मार्टफोन जैसा है लेकिन असल में कुछ नहीं करता। नैसेंट वेंचर के हेड वैन गॉल्ड ने कहा कि वे और उनके पार्टनर करीब 3200 नोफोन बेच चुके हैं। ये उन लोगों के लिए है जो अपने फोन अडिक्शन को छोड़ना चाहते हैं लेकिन घर से निकलते वक्त उन्हें अपने हाथ में फोन जैसा कुछ जरूर चाहिए।
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