देश के पूर्व राष्ट्रपति ,मिसाइलमैंन डॉ ए .पी .जे अब्दुल कलाम को भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करता
हुआ मेरा यह संस्मरण देश के कुछ प्रमुख अख़बारों
(दैनिक जागरण ,लोकमत ,डीएनए,जन्संदेश टाइम्स,आज,अजीत समाचार ,हिमाचल दस्तक ,जनवाणी ,डेली न्यूज ) में प्रकाशित हुआ ...सिस्टम बदलना नहीं है बल्कि इस सिस्टम में रहकर इसे सुधारना है-डॉ कलाम
शशांक द्विवेदी
डिप्टी डायरेक्टर
(रिसर्च), मेवाड़ यूनिवर्सिटी
देश के पूर्व राष्ट्रपति ,मिसाइलमैंन डॉ ए .पी .जे
अब्दुल कलाम चिर निद्रा में विलीन हो गए है लेकिन अपने पीछे वो एक बड़ी वैज्ञानिक
विरासत छोड़ कर गएँ है और उनकी इस विरासत और उनके विजन को पूरा करने की जिम्मेदारी
अब देश के युवाओं के कन्धों पर है .उन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विजन
2020 का नारा दिया था जिसपर अब गंभीरता
के साथ काम करने की जरुरत है .कलाम साहब न सिर्फ एक उम्दा वैज्ञानिक थे बल्कि एक
सीधे ,सरल और सहज इन्सान भी थे जिन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए भी जनता से खासकर
देश के युवाओं और बच्चों से सीधा संवाद
स्थापित किया ..उनका एक संस्मरण मुझे भी याद आत है
पिछले साल 101 विज्ञान कांग्रेस में आमंत्रित वक्ता के रूप में मुझे भी जम्मू जम्मू जाने का
अवसर मिला .इन्डियन साइंस कांग्रेस चूँकि देश का सबसे बड़ा वैज्ञानिक आयोजन होता है
जहाँ देश –विदेश के हजारों वैज्ञानिक भाग लेते है .इसका उद्घाटन हर साल खुद देश के
प्रधानमंत्री करते है ,पिछले साल भी इसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन
सिंह ने किया था .इस आयोजन में ही पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए .पी .जे अब्दुल कलाम साहब
भी आये थे . उद्घाटन सत्र के बाद पूर्व
राष्ट्रपति डॉ ए .पी .जे अब्दुल कलाम का सेशन था मै पूरी तल्लीनता और बेसब्री से
उनका इन्तजार कर रहा था .पूरा हाल खचाखच भरा था जिसमें अधिकांशतया स्कूली बच्चे थे
,जैसे ही कलाम साहब आये तालियों की गडगडाहट के साथ उनका संबोधन शुरू हुआ ,.ऐसा
संबोधन ,ऐसा प्रेरणादायक भाषण मैंने आज तक जिंदगी में कभी किसी का नहीं सुना ,मै
उनके पूरे भाषण में या यो कहें कि पब्लिक इंटरेक्शन के दौरान अपनी सीट पर बैठा
नहीं ,खड़ा ही रहा ,उनके एक एक शब्द की रिकार्डिंग करता रहा जिससे कि कुछ छुट ना
जाएँ साथ में कुछ जरुरी चीजें लिखता भी रहा .उनके पूरे संबोधन और इंटरेक्शन के
दौरान बच्चे काफी खुश नजर आयें और पूरे समय बिना शोर मचाये उन्हें सुनते रहें .
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjgv1BYTk5ucks8xVgGU38n6UaHCXLE6ZNmIEkHFUMUHD3Si6YZ5Hu0DwlDRemmjabfBaUnr0gT8I9KAEn3Rtc0gdo-pd2E2w4r1Pg0bOra4PFeyeN_Svi2hDgzhyphenhyphenRsmDIVuhaRSGpFTaE/s320/2+august15-JST.JPG) |
जन्संदेश टाइम्स |
उन्होंने कहा कि कल्पना ,ज्ञान
से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है,,इसलिए कल्पनाशील बनो और सपने जरुर देखने चाहिए ,बिना
सपनों के इन्सान कुछ बड़ा हासिल नहीं कर सकता . उन्होंने कहा कि छोटा सपना एक अपराध
की तरह है इसलिए हमेशा बड़े सपने देखो
,हमेशा आगे बढ़ो चाहे कितनी भी मुश्किलें आये आगे बढ़ो .इनोवेशन ही सफल जीवन जीने की
कुंजी है ..आप अच्छा करेंगे तो देश का अच्छा
अपने आप हो जाएगा इसलिए पहले खुद को ईमानदार और मजबूत बनाये अपने कर्म , अपने सपनो
के प्रति दृढ रहें .
अपने संबोधन के दौरान ही उन्होंने कई बच्चों के साथ
सीधा संवाद स्थापित करते हुए उनके सवालों के सीधे जवाब भी दिए ..ज्यादा सवाल होने
पर उन्होंने बच्चों को अपनी ईमेल आईडी और संपर्क सूत्र देते हुए कहा कि वो बाद में
उन्हें संपर्क कर सकते है . लगभग 2 घंटे तक कलाम साहब का
ये सत्र चलता रहा जहाँ बैठा हुआ हर व्यक्ति और बच्चा खुद को गौरान्वित महसूस कर
रहा था .उन्होंने अपने सपनों के लिए, अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की शपथ भी
सबको दिलाई .
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjSrK2HE_y0ieqi9bmJyctnd-5YeChL2CylgXZ6tePxh78ZrBhlvlmeUH_6RXHtJAmVpgyy7n7AURgCrAyH1uw8uyhZWqyao3RpEz2kUEQ6bR9lrTDTorSb5ZsDY7y-5J8jjyZFZLYYWlk/s320/29JULY15-JAGRAN.JPG) |
दैनिक जागरण |
संबोधन के बाद उन्होंने देश के हर राज्य और हर
हिस्से से आये स्कूली बच्चों के प्रोजेक्ट और उनके काम को देखा .उन्हें आगे बढ़ने
के लिए प्रोत्साहित भी किया और कुछ अच्छे प्रोजेक्ट्स के लिए कुछ काम आगे भी करने
को कहा .इस दौरान मै पूरे समय उनके साथ ही था ,उनसे बातचीत में मैंने कहा कि कि सर
देश में अभी भी विज्ञान संचार का माहौल नहीं है लोगों के शोध उनके काम बड़े पैमाने
पर आम जनता तक नहीं पहुँच पाते ना ही ऐसी कोई पुख्ता सरकारी व्यवस्था है जिससे बच्चों के ये प्रोजेक्ट
इस हाल से बाहर जाकर आगे कुछ कर पायें .
उन्होंने मेरी बात बहुत ध्यान से सुनी और
कहा कि शशांक जी इतनी समस्याएं है तभी तो आप जैसे विज्ञान संचारकों की जरुरत है जो
विज्ञान को मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुचाएं .साथ में उन्होंने कहा कि हर
सरकार एक जैसी ही होगी कोई थोडा ज्यादा अच्छी हो सकती है लकिन अल्टीमेटली हम सब को
जमीनी स्तर पर विज्ञान को बढ़ावा देना होगा इसके लिए सिर्फ सरकारों के भरोसे नहीं
रह सकते .हम सब को मिलकर काम करना होगा .
कुलमिलाकर उनका पूरा सकारात्मक व्यक्तित्व देखकर मै दंग रह गया था कि कहीं भी उन्होंने सिस्टम के प्रति कोई
निराशा व्यक्त नहीं की बलिक इस सिस्टम में रहकर ही कुछ बेहतर करने को प्रेरित किया
..उन्होंने कहा कि सिस्टम बदलना नहीं है बल्कि इस सिस्टम में रहकर इसे सुधार कर ही आगे बढ़ना है .कुलमिलाकर विज्ञान कांग्रेस में इतने अद्भुत व्यक्तित्व के धनी कलाम
साहब से मिलकर बहुत अच्छा लगा .ऐसा प्रेरक सीधा ,सरल और सहज व्यक्तित्व मिलना आज
की इस दुनिया में मिलना असंभव है .
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgBtca1nQOxVLh9XoM6Gq9rp1xlKhYmtj-kf8bnCo72RPwjZs2cQdeO_u2t0zPgSgKRp48m02Z8HLH9VI4KsFIgSrRypHvf2l-QHT6exMOeTQPY7P8ugmAwZqwNz8zqFKbRY7teFlzpsBs/s320/30july15-lokmat.JPG) |
लोकमत |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhiyMsY-NTP2ol_8tp80X_ZIa7ViCmSIQnOlgy4L7BCYw1nBnkQPrU2HCSgYq9BZdM4GDFMKGLdmx6coRbfXc22dki8Et01qLXc2-ak5_ShLvlHWkjelYwA7ScuMqFHtXCiSlA7rSAbfc4/s320/29JULY15-DNA.jpg) |
डेली न्यूज |
वो देश के राष्ट्रपति भी बने लेकिन फिर भी राजनीति के कीचड में कभी नहीं फसे ,वो देश में
आम आदमी के राष्ट्रपति के रूप में हमेशा जानें गए ..आज वो हमारे बीच नहीं है लेकिन
उनका विराट व्यक्तितिव हमेशा जिन्दा रहेगा
,उनके विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे ,अब देश के नौजवानों को उनके दिए गए विजन पर
काम करते हुए इस देश को विकसित देश बनाना होगा .उनके 2020
मिशन को पूरा करने में अपना सहयोग देना ही उनके प्रति
सच्ची श्रधांजली होगी .
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