आज मै जो कुछ भी हू जैसा भी हूँ ,अपने शिक्षकों की वजह से हूँ .उनके योगदान के बिना मै अपने जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता .आज शिक्षक दिवस पर उन सभी गुरुओं को सादर प्रणाम करते हुए शत शत नमन ,जिन्होंने मेरी जिंदगी इतनी सुन्दर बनाई .इस अवसर पर आज ट्रिब्यून ,डी एन ए और कल्पतरु एक्सप्रेस के सम्पादकीय पेज में प्रकाशित मेरे लेख मेरे शिक्षकों को समर्पित जिन्होंने मुझे इस काबिल बनाया कि मै कुछ लिख सकूँ ..
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दैनिक ट्रिब्यून » News » मानवता का समग्र दृष्टिकोण विकसित करे शिक्षा
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