नासा
द्वारा मंगल ग्रह पर भेजे गए क्यूरियोसिटी रोवर ने ग्रह की सतह पर अपना पहला एक
छोटा चक्कर पूरा कर लिया है. रोवर ने इस चक्कर के जरिए अपनी अगली यात्र की तैयारी
की है, जिसमें वह मंगल पर जीवन की संभावनाओं की तलाश करेगा.
छह
पहियों वाला यह रोवर उस जगह से ज्यादा दूर नहीं गया, जहां दो सप्ताह पहले
उतरा था. कल यह लुढक कर लगभग 4.6 किलोमीटर आगे की ओर गया और
फिर अपनी दिशा के लंबवत मुड गया. इसके बाद यह ग्रह की मिट्टी पर अपने निशान छोडता
हुआ पीछे की ओर भी थोडी दूरी तक चला.
इस
अभियान के प्रबंधक इस बात से खुश हैं कि रोवर ने अपना पहला चक्कर बिना किसी बाधा
के पूरा कर लिया. नासा जेट प्रणोदक प्रयोगशाला के परियोजना प्रबंधक पीटर थीसिंजर
ने कहा, ‘‘हमने रोवर बनाया है. अगर यह घूमता ही नहीं तो
हमारा काम पूरा नहीं हो पाता. इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण समय है.’’
कल
क्यूरियोसिटी ने अपनी चालन क्षमताओं की जांच के लिए अपने सभी छह पहियों को
सफलतापूर्वक खोल लिया था. इसके बाद उसने अपना यह छोटा सा चक्कर पूरा किया. मंगल की
भूमध्य रेखा के पास स्थित गेल ग्रेटर में क्यूरियोसिटी पांच अगस्त को उतरा था.
इसका
उद्देश्य वहां के पर्यावरण की जांच करके पता लगाना है कि क्या कभी वहां
सूक्ष्मजीवों का अस्तित्व था? आखिर में रोवर को मंगल स्थित माउंट शार्प
नामक पर्वत पर जाना है. यह पुरानी क्रेटर मिट्टी के जमाव से बना हुआ है. इस पर्वत
के आधार में पूर्व में रहे पानी की मौजूदगी के सबूत मिले हैं. इसी की वजह से यहां
पर जीवन की संभावनाओं का अध्ययन किया जा रहा है.
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नासा
के क्यूरियोसिटी रोवर को मंगल के आकाश में एक अजीब सी सफेद रोशनी नाचती हुई दिखाई
दी है. इसके अलावा क्यूरियोसिटी द्वारा भेजी गई तस्वीरों में आकाश में दिखने वाले
चार धब्बे भी दिखाई पड़े हैं. यूएफओ को पहचानने वाले लोगों का दावा है कि ये धब्बे
दरअसल एलियन (दूसरे ग्रह के वासी) के अंतरिक्षयान हैं, जो
अंतरिक्ष में मानव के कदमों पर नजर रख रहे हैं.
अनसुलझी
है पहेली
मंगल
की सतह से भेजी गई ये तस्वीरें फिलहाल पहेली बनी हुई हैं. हालांकि, नासा का
कहना है कि यह और कुछ नहीं कैमरे के लेंस पर लगे कुछ दाग ही हैं. तस्वीरों में इन
संदिग्ध धब्बों की पहचान यूट्यूब के यूजर स्टीफन हैनर्ड ने की.
छोटा
चक्कर पूरा
क्यूरियोसिटी
ने लाल ग्रह की सतह पर अपना पहला एक छोटा चक्कर पूरा कर लिया है. रोवर ने इस चक्कर
के जरिए अपनी अगली यात्रा की तैयारी की है, जिसमें वह मंगल पर जीवन की संभावनाओं की
तलाश करेगा. छह पहियों वाला यह रोवर उस जगह से ज्यादा दूर नहीं गया, जहां दो सप्ताह पहले उतरा था. यह लुढ़क कर लगभग 4.6 किलोमीटर
आगे की ओर गया और फिर अपनी दिशा के लंबवत मुड़ गया. इसके बाद यह ग्रह की मिट्टी पर
अपने निशान छोड़ता हुआ पीछे की ओर भी थोड़ी दूरी तक चला.
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