हैकिंग शब्द
का इस्तेमाल आमतौर पर साइबर दुनिया में किया जाता है. बिना अनुमति के जब किसी
संस्थान या व्यक्ति के कंप्यूटर से डाटा आदि को चुराया जाता है, तो उसे ही हैकिंग कहते हैं. अभी तक तो यह हैकिंग
कंप्यूटर तक ही सीमित था. पर जरा सोचिए, अगर कोई आपके
मस्तिष्क को हैक करके आपके दिमाग की सारी जानकारियां चुरा ले, तो फिर क्या होगा? एक बारगी आप यह सोच सकते हैं कि
यह संभव नहीं है और संभव है भी तो सिर्फ विज्ञान फंतासी वाली कहानियों में या फिर
फिल्मों में. लेकिन, यह बिल्कुल सच साबित हो सकता है. दरअसल,
वैज्ञानिकों ने हाल में एक प्रयोग किया है, जिसके
तहत वे किसी भी व्यक्ति के मस्तिष्क को हैक कर सकते हैं. यह प्रयोग कैलिफोर्निया
विश्वसविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वैविद्यालय और जेनेवा
विश्वाविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है. उनका कहना है कि इस प्रक्रिया के तहत
किसी भी व्यक्ति से संवेदनशील जानकारियां हासिल की जा सकती है. यहां तक कि उनका
पिन नंबर और बैंक की तमाम जानकारियां भी इकट्ठा की जा सकती हैं. अपने इस प्रयोग के
लिए उन्होंने आसानी से मिलने वाले गेम्स कंट्रोलर की मदद ली, जिसकी कीमत 299 डॉलर के आसपास है. यह यूर्जस को
कंप्यूटर से बातचीत करने में मदद करता है और अकसर गेम्स को नियंत्रित करने के काम
में इस्तेमाल आता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक की मदद से किसी भी अपराधी
से पूछताछ करने में एक हद तक आसानी हो सकती है.
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