गीतिका कपूर
भगवान
राम के अस्तित्व को लेकर समय-समय पर सवाल खड़े होते रहे हैं, लेकिन कभी कोई ठोस प्रमाण नहीं पेश किया जा सका। अब वैज्ञानिकों ने उनके
अस्तित्व पर मोहर लगाई है। दिल्ली के इंस्टीट्यूट फॉर साइंटिफिक रिसर्च ऑन वेदाज
(आइ-सर्व) को त्रेता युग के भगवान राम के जन्म की सटीक तिथि के बारे में पता लगाने
में सफलता मिली है। संस्थान ने इसे वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित करने का भी दावा
किया है। संस्थान की निदेशक सरोज बाला ने बताया कि हमने अपने सहयोगियों और प्लैनेटेरियम सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रभु
राम की जन्मतिथि की सटीक जानकारी प्राप्त की है। इससे भगवान राम का अस्तित्व भी
प्रमाणित होता है।
उन्होंने
बताया कि प्रभु राम का जन्म 10 जनवरी, 5014 ईसा पूर्व (सात हजार, 122 साल) पहले हुआ था। उस दिन
चैत्र का महीना और शुक्ल पक्ष की नवमी थी। जन्म का वक्त दोपहर 12 बजे से दो बजे की बीच था।
इतना ही नहीं
उनका कहना है कि भविष्य में वह ऐसी अन्य ऐतिहासिक घटनाओं की सत्यता और अस्तित्व के
बारे में पता लगाएंगी। प्लैनेटेरियम सॉफ्टवेयर का प्रयोग नासा और नेहरू
प्लैनेटेरियम द्वारा विभिन्न ग्रहों की स्थिति का पता लगाने में किया जाता है।
आइ-सर्व के
वैज्ञानिकों ने बताया कि वे न केवल भगवान राम बल्कि अन्य पौराणिक पात्रों की
जन्मतिथि और अस्तित्व का सत्यापन करने का प्रयास कर रहे हैं। वह प्रभु राम के जीवन
में हुई घटनाओं, जैसे वनवास, रावण वध का भी
सत्यापन करने जा रहे हैं।(ref-jagran.com)
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