Wednesday 23 May 2012

अमेरिका के सबसे घातक बम एमओपी पर

अमेरिका का महाबम
पिछले दिनों अमेरिकी सेना में एक महाबम शामिल किया गया। अमेरिका की वायु सेना ने 14 मीट्रिक टन वजन वाले इस अत्याधुनिक किस्म के महाशक्तिशाली बम को अपने हथियारों के भंडार में सम्मिलित किया है। इससे उसकी परमाणु बम ताकत कई गुना बढ़ गई है। इस महासंहारक बम का पूरा नाम मैसिव आर्डिनेंस पेनीट्रेटर (एमओपी) है। इसकी लंबाई 6.2 मीटर तथा व्यास 0.8 मीटर है। यह 2.5 मीट्रिक टन विस्फोटक की क्षमता वाला है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इस बम को बनाने की शुरुआत सन 2007 में की थी और अब इनके तैयार किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अमेरिका की विमान कंपनी बोइंग सेना के लिए इस तरह के आठ विशालकाय बमों का निर्माण करेगी। एमओपी बम इससे पहले अमेरिकी सेना में शामिल किए गए बीएलडब्लू- 109 बम से 10 गुना ज्यादा शक्तिशाली है। इस बम का वजन अफगानिस्तान के तोराबोरा में प्रयोग किए गए डेजी कटर बम से लगभग दोगुना है। गौरतलब है कि डेजी कटर बम को अब सैन्य सेवा से हटाया जा चुका है। यह महाबम विस्फोट होने से पहले 60 मीटर मोटाई वाली कंक्रीट की परत अथवा 40 मोटी चट्टानों को भेदने की क्षमता वाला है। अमेरिकी सेना के अब तक के विनाशकारी बमों में यह सबसे ज्यादा वजन वाला और सबसे अधिक संहारक है। यह जमीन के अंदर छिपाए गए जन संहारक हथियारों को भी नष्ट करने की क्षमता रखता है। डिफेंस थ्रेट रिडक्शन एजेंसी और यूएस स्टेटजिक कमांड द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक यह बम दुश्मनों के सामूहिक विनाश के हथियारों को उनके द्वारा धरती में छिपा देने पर भी नष्ट कर सकता है। इस बम को बी-2 बमवाहक लड़ाकू विमान की मदद से लक्ष्य तक पहुंचाया जा सकेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बंकर रोधी बम ईरान और उत्तर कोरिया के मोटे बंकरों को नष्ट करने के मद्देनजर तैयार किया गया है। दूसरी तरफ अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का कहना है कि अमेरिका द्वारा तैयार किए गए बंकरों को नष्ट करने वाले अत्यंत घातक बम को ईरान, उत्तर कोरिया या किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं बनाया गया है। एमओपी महाबम बी-2 बमवाहक लड़ाकू विमानों में फिट करने के उद्देश्य से बनाया गया है। पेंटागन अधिकारियों के मुताबिक अमेरिकी वायु सेना ने बोइंग कंपनी को बंकर तबाह करने वाले ऐसे 20 बम तैयार करने का आर्डर दिया है। पेंटागन के प्रवक्ता कैप्टेन जॉन किर्बी ने कहा कि यह प्रणाली किसी देश के खिलाफ नहीं है। हमने एक क्षमता का विकास किया है और हम समझते हैं कि इसकी हमें जरूरत है। कैप्टेन किर्बी ने यह भी कहा कि यह हमें शत्रु के महाविनाशक हथियारों को नष्ट करने में और ज्यादा क्षमता प्रदान करेगा क्योंकि यह वर्तमान बमों से छह गुना अधिक शक्तिशाली है। यह बम अमेरिकी सेना का सबसे बड़ा परंपरागत हथियार है। इस महाबम के परीक्षण की सफलता के बाद अमेरिका ने 17 नवंबर को एडवांस्ड हाइपरसोनिक वेपन; (एएचडब्लू) का परीक्षण किया जो सफल रहा। यह ऐसा हाइपरसोनिक बम वाहक है जो ध्वनि की गति से पांच गुना तेज उड़ सकता है। परीक्षण के समय इस हथियार का ग्लाइड व्हीकल आधे घंटे से कम समय में 3700 किलोमीटर दूर पहुंच गया। पेंटागन की प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मेलिंडा मोर्गन ने जानकारी दी कि इस बम वाहक विमान का परीक्षण हवाई मिसाइल परीक्षण केंद्र से किया गया। इसका डिजाइन धरती के वातावरण में लंबी दूरी तक उड़ान भरने के उद्देश्य से किया गया है। पेंटागन के मुताबिक हवाई से इसे एक रॉकेट की मदद से छोड़ा गया और प्रशांत महासागर में वायुमंडल के उपरी ग्रह से होता हुआ दक्षिण पश्चिम भाग में स्थित क्वाजालीन एटॉल में लक्ष्य पर पहुंच गया। इस सफलता के बाद अब अमेरिका जरूरत पड़ने पर एक घंटे के अंदर दुनिया के किसी भी इलाके में बम गिराने में सक्षम हो गया है।  लक्ष्मीशंकर यादव

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