वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि मोरक्को में हाल ही में एकत्र किए गए 15 पाउंड (करीब 7 किलोग्राम) चट्टानों के टुकड़े मंगल ग्रह से पृथ्वी पर गिरे हैं। ये चट्टानें पिछले साल जुलाई में हुई उल्का वर्षा के दौरान गिरी थीं। इन उल्का पिंडों की भारी कीमत आंकी जा रही है। इसकी कीमत सोने से अधिक मानी जा रही है। इतिहास में यह सिर्फ 5वां मौका है, जब वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह से उल्का पिंडों के गिरने की पुष्टि की है। लोगों ने भी चट्टानों के इन टुकड़ों को गिरते देखा था।
गौरतलब है कि 6 महीने पहने आसमान से आग के गोले गिरते नजर आए थे, लेकिन उत्तरी अफ्रीका में दिसंबर के अंत तक जमीन पर गिरे इन उल्का पिंडों को खोजा नहीं जा सका था।
मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिकों को यह एक दुर्लभ और अनोखा मौका उपलब्ध हुआ है। अभी तक नासा का या कोई भी रूसी स्पेस शटल मंगल ग्रह की चट्टानों को लेकर नहीं आया था।
वैज्ञानिक और संग्रहकर्ता इन चट्टानों को लेकर बेहद उत्साहित हैं और इन उल्का पिंडों की भारी कीमत आंकी जा रही है। ये सोने से अधिक कीमती मानी गई हैं। इनमें सबसे बड़ी चट्टान एक किलोग्राम की है।
यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरिडा में फ्लोरिडा स्पेस इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर और नासा के पूर्व प्रमुख (साइंस) ऐलेन स्टर्न ने बताया कि यह जनवरी में क्रिसमस की खुशी जैसा है।
गौरतलब है कि 6 महीने पहने आसमान से आग के गोले गिरते नजर आए थे, लेकिन उत्तरी अफ्रीका में दिसंबर के अंत तक जमीन पर गिरे इन उल्का पिंडों को खोजा नहीं जा सका था।
मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिकों को यह एक दुर्लभ और अनोखा मौका उपलब्ध हुआ है। अभी तक नासा का या कोई भी रूसी स्पेस शटल मंगल ग्रह की चट्टानों को लेकर नहीं आया था।
वैज्ञानिक और संग्रहकर्ता इन चट्टानों को लेकर बेहद उत्साहित हैं और इन उल्का पिंडों की भारी कीमत आंकी जा रही है। ये सोने से अधिक कीमती मानी गई हैं। इनमें सबसे बड़ी चट्टान एक किलोग्राम की है।
यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरिडा में फ्लोरिडा स्पेस इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर और नासा के पूर्व प्रमुख (साइंस) ऐलेन स्टर्न ने बताया कि यह जनवरी में क्रिसमस की खुशी जैसा है।
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