ग्लोबल वार्मिंग समेत अन्य कई वजहों से समुद्र का जल स्तर बढ. रहा है. लेकिन शायद आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि ऑस्ट्रेलिया और उसके आसपास के इलाकों में वातावरण की बदली हुई परिस्थितियों के चलते पिछले वर्षों समुद्र के वैश्विइक जल स्तर में कुछ कमी आयी थी. जी हां, वर्ष 2010-11 के दौरान ऑस्ट्रेलिया की भौगोलिक परिस्थितियों में बदलाव आने से वर्षा जल समेत बहते पानी के अन्य स्त्रोतों से समुद्र में जानेवाला पानी कम मात्रा में वहां तक पहुंच रहे थे. बढ.ते वैश्विमक तापमान और बर्फ के पिघलने के बावजूद लंबे समय से समुद्री जल स्तर में हो रही वृद्धि में 2010-11 में अस्थायी तौर पर विराम लगा. ‘साइंस डेली’ की एक खबर में बताया गया है कि ऑस्ट्रेलिया में पिछले वर्ष समुद्री इलाकों में बारिश की मात्रा में बढ.ोतरी होने से अब जल स्तर में वृद्धि हुई है. नेशनल सेंटर फॉर एटमॉसफेरिक रिसर्च (एनसीएआर) द्वारा किये गये नये रिसर्च में दर्शाया गया है कि हिंद महासागर और प्रशांत महासागर की भौगोलिक प्रवृत्तियों में भी बदलाव देखा गया है. इस रिसर्च के प्रमुख और एनसीएआर के वैज्ञानिक जॉन फेसुलो के मुताबिक, यह इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि धरती पर मौसम का चक्र कितना जटिल है. उन्होंने आश्च र्य जताते हुए कहा है कि आखिरकार एक छोटा सा महादेश किस तरह से पूरी दुनिया के समुद्री स्तर को प्रभावित कर सकता है. बताया गया है कि पिछले दशकों में समुद्री जल स्तर में सालाना तीन मिलीमीटर की बढ.ोतरी हुई है, जबकि वर्ष 2010-11 के 18 महीनों में समुद्री जल स्तर तकरीबन सात मिलीमीटर तक कम हुआ था.
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