कोलकाता राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के वैज्ञानिकों से विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार पाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया है। उन्होंने यह आह्वान गुरुवार को कोलकाता स्थित साल्टलेक स्टेडियम में 100वें विज्ञान कांग्रेस समारोह का उद्घाटन करने के बाद संबोधन भाषण से किया। प्रणब ने कहा, वैज्ञानिक समुदाय को भारत के भविष्य निर्माण के लिए वैज्ञानिक संस्कृति को बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। भौतिकी के क्षेत्र में भारत के सीवी रमन को नोबेल पुरस्कार मिले 83 वर्ष हो गए हैं। काफी लंबा समय गुजर गया है। वैज्ञानिक समूह को विज्ञान के क्षेत्र में समयबद्ध ढंग से नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से कहा, आप आधुनिक साधनों से संवाद स्थापित करें ताकि आम लोग इसे समझ सकें और देश में वैज्ञानिक संस्कृति का निर्माण हो। विज्ञान के प्रति आम व राजनीतिक समझ होना जरूरी है, इसलिए मैं आप सबसे अनुरोध करता हूं कि आधुनिक प्रचलित साधनों का प्रयोग संवाद स्थापित करने में करें। इससे भारतीय समाज में वैज्ञानिक संस्कृति का विकास होगा। राष्ट्रपति ने एक शताब्दी पहले के वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए कहा कि वे साधारण भाषा में व्याख्यान दिया करते थे, जिससे एक पूरी पीढ़ी में वैज्ञानिक लगाव पैदा हुआ। दुनिया के प्रमुख वैज्ञानिकों को हमेशा यह चिंता रही है कि कैसे प्राकृतिक घटनाक्रमों को लेकर उनकी समझ का उपयोग भविष्य की सामाजिक समस्याओं को सुलझाने में किया जा सके। प्रणब ने मौके पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी व इनोवेशन नीति जारी की, जिसमें भारत को 2020 तक विश्व की 5 सबसे बड़ी वैज्ञानिक शक्तियों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रणब ने कहा है कि प्रौद्योगिकी में लोगों का जीवन बदलने की क्षमता है। इसके बल पर अर्थव्यवस्था मजबूत बनाई जा सकती है।
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