Thursday 22 November 2012

उम्मीदों का नया “आकाश”


आकाश-2 टैबलेट पर विशेष 
लंबे इंतजार और तमाम विवादों के बाद आखिरकार दुनियाँ का सबसे सस्ता आकाश टैबलेट पीसी के नयें संस्करण आकाश 2 को पिछले दिनों  देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में लॉन्च किया।  आकाश का मुख्य संस्करण पिछले साल अक्टूबर में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आकाश लॉन्च किया गया था । देश के युवाओं के लिए महत्वपूर्ण यह प्रोजेक्ट  तभी से विवादों और लालफीताशाही से घिर गया था । आकाश के मुख्य संस्करण में कुछ शिकायतों के बाद सरकार ने अब इसका उन्नत वर्जन आकाश 2 लॉन्च किया है । इसमें ज्यादातर शिकायतें कम बैटरी लाइफ और स्लो प्रोसेसर की थी । नए संस्करण में एंड्रायड-4 है। इसमें एक गीगाहट्र्ज का प्रोसेसर तथा चार घंटे तक चलने वाली बैटरी है। 
भारत के साथ साथ पूरे विश्व की निगाहे अब आकाश पर टिक गई है। आकाश-2 टैबलेट को इसी महीने 28 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र में भी प्रदर्शित किया जाएगा । देश में आकाश टैबलेट की जबरदस्त माँग को देखकर लग रहा है कि  युवाओं में इसे लेकर काफी उत्साह और उत्तेजना का माहौल है । देश में कंप्यूटर शिक्षा के क्षेत्र में ये एक तकनीकी क्रांति के सफल या असफल  होने के पहले की उत्तेजना है, क्योकि इस क्रांति के सूत्रधार देश के गांव ,कसबे और शहरों सभी से जुड़े है । हर आम और खास में इसे पाने और देखने की ललक है। भारत में आकाश के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में यह क्रांति सफल हो पायेगी या नहीं। यह तो भविष्य बतायेगा लेकिन यह तो तय है कि इस प्रोजेक्ट में काफी संभावनाएं है ।
लेकिन यह इस देश का दुर्भाग्य है कि सरकार लोगो को सपने तो दिखाती है लेकिन उनको पूरा करने की दिशा में ठीक ढंग से काम नहीं होता ।आकाश परियोजना के शुरू होते ही इस पर सवाल उठने लगे थे लेकिन सरकार ने उस समय इन बातो को अनसुना कर दिया था। अगर उसी  समय आकाश की कमियों को अपग्रेड कर दिया गया होता तो आज नए आकाश 2 को लाँच करने की नौबत नही आती। अब मानव संसाधन विकास मंत्री कह रहें है कि आकाश की भारी मांग को पूरा करने के लिए इसको बनाने में कई निर्माताओं को लगाया जायेगा और इसमें सुधार कर इसे लगातार अपग्रेड किया जायेगा ।
आकाश के मुख्य संस्करण में जो कमियाँ थी वो आकाश 2 में दूर करने का प्रयास किया गया है । मसलन  आकाश-2 का प्रोसेसर काफी तेज है और इसमें यू-टयूब से वीडियो डाउनलोड करने के साथ एंड्रॉयाड एप्लीकेशन की भी सुविधा है। इससे छात्रों को काफी सहूलियत होगी। आकाश-1 का टच पैनल इलेक्ट्रानिक   प्रतिरोधक प्रकृति का है जबकि आकाश-2 में मल्टी टच पैनल है। आकाश के प्रथम प्रारूप का प्रोसेसर 366 से 512  मेगाहर्टज का था जबकि आकाश-2 का प्रोसेसर 1 गीगाहर्टज का है। देश के सुदूर क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के जरिये उच्च शिक्षा को जोड़ने की कवायद के तहत सरकार ने आकाश परियोजना शुरू की थी। आकाश-1 की मेमोरी 2 जीबी है जबकि आकाश-2 की मेमोरी 4 जीबी क्षमता की है। आकाश के पहले प्रारूप का ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड 2.2 दर्जे का है जबकि आकाश-2 का ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड 4.03 दर्जे का है। आकाश-1 में कोई सेंसर नहीं है जबकि आकाश-2 में जी सेंसर जोड़ा गया है। आकाश-1 की बैटरी 2100 एमएएच क्षमता की है जबकि आकाश-2 की बैटरी की क्षमता 3000 एमएएच है। आकाश के पहले प्रारूप में कोई कैमरा नहीं है जबकि आकाश-2 में  वीजीए कैमरा और  वाईफाई कनेक्शन की सुविधा है।
वास्तव में इतने कम मूल्य में आकाश को एक अच्छा उपकरण माना जा सकता है। लिहाजा आगे आकाश जैसे और इनोवेशन की गुंजाइश बनी रहेगी। यह उपयोगी उपकरण हो सकता है, खासकर ई-बुक रीडिंग जैसी इंटरनेट रहित एप्लीकेशन के लिए। आनेवाले दिनों में आइपैड का कांसेप्ट हमारे आदतों को बदल सकता है। मसलन कागज के अखबार पढ़ने की जगह लोग इस पर ही देश-दुनिया की खबरें पढ़ा करेंगे।
यह महगें आईपैड का मुकाबला नहीं तो कर सकता लेकिन डिजिटल क्रांति से महरूम लोगों खास कर युवा पीढ़ी के लिए अहम साबित हो सकता है। वास्तव में आकाश टेबलेट लाने का मुख्य मकसद कंप्यूटिंग और इंटरनेट एक्सेस के लिए प्राइस बैरियर को तोडना है। इतने कम दाम में इतनी सारी चीजें समाहित करना कोई आसान काम नहीं है। अगर इस परियोजना के संचालक देश भर से उभरने वाली विशाल मांग को पूरा कर पाते हैं और यह परियोजना जमीनी स्तर पर सही ढंग से लागू की जाती है तो आने वाले वर्षो में कंप्यूटर शिक्षा और साक्षरता दोनों ही मोर्चो पर बड़ी उपलब्धियां अर्जित की जा सकती हैं इस साल के अंत तक उम्मीद है कि आकाश-2 एक लाख छात्रों को सब्सिडी दर पर 1132 रुपए में उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि इसका बाजार मूल्य 2999 रुपए होगा। सरकार और आकाश बनाने वाली कंपनी डेटाविंड के बीच विवाद के बाद अब आकाश का पहला माँडल  बनाने वाली कंपनी डाटाविंड इस प्रोजेक्ट से  जुड़ी नहीं रहेगी और सरकार आकाश टैबलेट कंप्यूटर के विकास के लिये आईआईटी, सी-डैक तथा आईटीआई की सेवा ले रही है । मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार दुनिया का सबसे सस्ता टैबलेट कंप्यूटर पूरी तरह स्वदेशी है और इसका उन्नत संस्करण मौजूदा कीमत 2276 पर ही उपलब्ध होगा।
वास्तव में आकाश एक सस्ता टैबलेट ही नहीं है बल्कि यह इस बात की मिसाल भी बन सकता है कि भारत इस तकनीक का उपयोग कर देश के 22 करोड़ छात्रों को गरीबी से पार पाने व कमजोर शिक्षा का सामना करने का तकनीकी हथियार मुहैया कराने में सक्षम है। आकाश दरअसल भारत के लिए उपलब्धि है तो यह पश्चिमी देशों के लिए चुनौती भी है कि आखिरकार भारत ने इसे कैसे संभव कर दिखाया। आकाश के बारे में कई अनुपम आशाएं भी हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों का व्यक्तिगत और शैक्षणिक रिकॉर्ड आकाश टैबलेट के जरिए रखा जाएगा। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय इंजीनियरिंग कॉलेजों को आकाश टैबलेट देगा।  इसका जिम्मा मंत्रालय ने आईआईटी मुंबई को सौंपा है। इसी को लेकर मंत्रालय ने पिछले दिनों देश के 245 इंजीनियरिंग कालेजों में  एक साथ  दो दिवसीय कार्यशाला आकाश  शिक्षा के लिए शुरू किया था । वास्तव में यह एक सकारात्मक प्रयास है जिससे इस परियोजना को व्यवहारिक तरीके से  शुरू करने में मदत मिलेगी ।
महत्वपूर्ण बात यह है कि दुनिया के सबसे सस्ते टेबलेट आकाश के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत से जुड़ना चाहती हैं।क्योकि आकाश ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं और कंपनियों का ध्यान आकर्षित किया है। आइबीएम और इंटेल जैसी कंपनियां बिना इसकी कीमत बढ़ाए आकाश की क्षमता बढ़ाने के लिए भारत के साथ भागीदारी करना चाहती हैं। इतने कम दाम में इस समय बाजार में आपको इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले सस्ते फोन भी नहीं मिलेंगे, ऐसे में इसे टचस्क्रीन और टैबलेट एक्सपीरियंस के लिए बहुत बढ़िया एंट्री लेवल प्रॉडक्ट माना जा सकता है।
देश में परियोजनाएँ तो अच्छी सोच के साथ बनाई जाती है लेकिन उनका क्रियान्वयन ठीक ढंग से नहीं हो पता। यही वजह है कि इस प्रोजेक्ट पर विवादों के साथ काफी देर भी हुई । देश में आकाश की बढती मांगो को देखते हुए आपूर्ति के साथ साथ गुणवत्ता बनाये रखना सरकार की सबसे बड़ी चुनौती है। ये आगे आने वाला वक्त ही बताएगा कि सरकार इन चुनौतियो का सामना ठीक ढंग से करती है या अन्य परियोजनाओ की तरह इसे भी सिर्फ निजी कंपनियों या कुछ संस्थाओ के भरोसे छोंड दिया जायेगा।

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