Tuesday 12 June 2012

रोबोटिक मछलियों की कामयाबी


इनसानी दुनिया में अब रोबोट की भूमिका काफी बढ.ती जा रही है. सैन्य सुरक्षा से लेकर विभित्र प्रकार के शोध तक में भी अब इनकी मदद ली जाने लगी है. हाल में, एक रोबोट ने अपनी पहली प्रायोगिक गतिविधि में यह संकेत दिया है कि जेब्राफिश को इंजीनियर्ड रोबोट के जरिए प्रभावित किया जा सकता है. इस रोबोट का प्रयोग मछलियों के व्यवहार को नियंत्रित करने और उस पर निगरानी के लिए किया गया था. प्रयोग की सफलता के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि विलुप्ति की कगार पर पहुंचे या वैसे जलीय जीवों जो खतरे में हैं, की रक्षा करने में भविष्य में जल आधारित रोबोट मददगार हो सकते हैं. अपनी तरह के इस विशेष रोबोट को पॉलीटेक्निक इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूयॉर्क और इटली की शोध संस्था ने बनाया है. इस रोबोट की पूंछ को शोधकर्ता यांत्रिक तौर पर नियंत्रित कर सकते हैं. जब इसे 65 लीटर वाले फिश टैंक में रखा गया तो कुछ देर बाद रोबोट की पूंछ ने जेब्रा फिश को आकर्षित किया. शोधकर्ताओं का मानना है कि रोबोट की यह क्षमता उसके बायो इंस्पायर्ड गुणों के कारण बढ.ी है. इस रोबोट को मछली के आकार का ही बनाया गया है और इसका रंग भी मछलियों के रंगों की तरह ही है. इस प्रयोग के बाद शोधकर्ताओं ने बताया कि यह एक विशेष प्रकार का शोध है, जिसमें उन्हें सफलता मिली है. अब इस शोध की मदद से अन्य प्रकार के जलीय जीवों के बारे जानकारी हासिल की जा सकती है. अब इस बात को लेकर भी शोध किया जा रहा है कि क्या इस तरह की रोबोटिक मछली और असली मछलियों के बीच संवाद हो सकता है? 

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