Wednesday 23 May 2012

ग्लोबल वार्मिंग से बेघर हो जाएंगी कुछ प्रजातियां


तापमान बढ़ने के कारण धरती व समुद्र की वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की कुछ प्रजातियां जीवित रहने के लिए ठंडे स्थानों पर विस्थापित होने के लिए मजबूर हैं। एक शोध के मुताबिक ऐसे में वास्तव में कुछ समुद्री प्रजातियां बेघर हो जाती हैं। यूरोप के एक प्रमुख समुद्र विज्ञान अनुसंधान संगठन 'स्कॉटिश एसोसिएशन फॉर मरीन साइंस' (सैम्स) के माइक बरोज के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने वर्ष 1960 से वर्ष 2009 के बीच 50 वर्षों से अधिक समय में धरती और समुद्र दोनों के अलग-अलग स्थानों के बदले तापमान का तुलनात्मक अध्ययन किया।
बरोज ने स्पष्ट किया, ''जब तापमान में वृद्धि होती है तो ठंडे वातावरण में रहने वाली वनस्पतियों और जीवों को दूसरे स्थानों पर जाना पड़ता है। समुद्र की तुलना में धरती तीन गुना तेजी से गर्म हो रही है। ऐसे में आप कल्पना कर सकते हैं कि धरती पर इन प्रजातियों को तीन गुना तेजी से विस्थापित होना पड़ता है।''
बरोज के हवाले से सैम्स के बयान में कहा गया, ''जब धरती पर कुछ प्रजातियों के लिए तापमान बहुत गर्म हो जाता है तो वे ऊंचे स्थानों पर जा सकती हैं जहां तापमान अपेक्षाकृत ठंडा रहता है लेकिन समुद्र में रहने वाली कुछ प्रजातियों के जीवों के पास विकल्प ही नहीं बचता है।''
''समुद्र का तापमान बढ़ने से ठंडे वातावरण के लिए मछली जैसी प्रजाति के जीव गहरे पानी में जाना पसंद करते हैं, लेकिन समुद्री पौधों अथवा कोरल जैसी प्रजातियों के उपयुक्त निवास के लिए कहीं और जाने से उनका अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।''
शोध के सह लेखक उत्तरी कैरोलीना विश्वविद्यालय के जॉन ब्रूनो इस बात से सहमत हैं कि जलवायु परिवर्तन के साथ अनुकूलन करने में कई समुद्री जीवों को बहुत मुश्किल दौर से गुजरना पड़ेगा। उन्होंने कहा, ''गर्म वातावरण में फंसने से पारिस्थितिक तंत्र और मछलियों, कोरल्स तथा समुद्री पक्षियों जैसे महत्वपूर्ण जीवों का अस्तित्व, विकास, और प्रजनन कम हो सकता है।''

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