थोड़ी तपिश किस कदर ज़रूरी है पढ़ें.
डरिये. क्योंकि डरना जरुरी है.
बैठे बैठे अचानक पैर 'फ्रीज' हो जाना.
डॉ रिंकी सिद्धार्थ
USA की एक बड़ी कम्पनी है United Health Group. इसकी कुछ शाखायें हमारे देश में भी हैं.. मेरे छोटे बहनोई कुछ समय पहले तक इसी कम्पनी में कार्य कर रहे थे. फिलहाल भारत में इस कम्पनी को OPTUM के नाम से भी जाना जाता है.
लगभग दो ढाई वर्ष पहले की बात है. उसी कम्पनी की ग्रेटर नोएडा ब्रांच में एक युवा इंजीनियर जॉब कर रहे थे. अभी शादी हुई नहीं थी तो अकेले ही एक कमरे में रहते थे. सुबह उठकर नहा धोकर ऑफिस के समय से बहुत पहले ही ऑफिस पहुंच जाते थे. वहां ऑफिस की कैन्टीन में ही नाश्ता करने के बाद अपने केबिन में पहुंचकर कम्प्यूटर पर शुरु हो जाते थे. दिन में खाना ऑफिस कैन्टीन में. शाम को ऑफिस टाइम के बाद भी रुकना. वहीं डिनर करना और रात को 9-10 बजे के आसपास कमरे पर जाकर सो जाना.
यह सज्जन कई बार शनिवार और रविवार (वहां 5 day week चलता है) को भी ऑफिस चले जाते थे. ज़िन्दगी आराम की गुजर रही थी.
एक दिन ऑफिस में बैठे हुये इन सज्जन को टॉयलेट जाने की आवश्यकता महसूस हुई. लेकिन वह अपने पैरों को हिला ही नहीं सके. खड़े होना चाह रहे थे -खड़े न हो सके. उन्होंने अपने आसपास बैठे साथियों को आवाज देकर बताया कि मैं खड़ा नहीं हो पा रहा हूं, तो साथियों ने समझा कि वह मजाक कर रहे हैं. यह सज्जन रूआंसा हो उठे और इनकी आवाज बहुत घबराकर निकलने लगी तब जाकर इनके मित्रों ने इनकी बात को सीरियसली लिया. उन्होंने खड़े करने की कोशिश की, पर यह तो पैरों पर खड़े हो नहीं हो पा रहे थे. तुरन्त एक बड़े अस्पताल को फोन कर एम्बुलेंस बुलाई गई. उन्हें उठाकर एम्बुलेंस में और फिर अस्पताल पहुंचाया गया. वहां पहुंचकर कई टैस्ट किये गये तो पता चला कि शरीर में विटामिन डी लगभग समाप्त हो गया था, और इसकी वजह से उनके घुटनों में जोड़ सूखकर अकड़ गये थे.
उनको अगले दो दिनों में 6-6 लाख IU के विटामिन डी के तीन इंजेक्शन लगाये गये. कैल्सियम व विटामिन बी 12 के भी हैवी डोज दिये गये. 4-5 दिन हॉस्पीटल रहकर घर वापस आ गये.
और इस पूरी समस्या की वजह?? धूप में बिल्कुल न निकलना. हर समय AC में रहना.. दूध, दही, कच्चा पनीर जैसी चीजों का बहुत कम प्रयोग करना. शारीरिक व्यायाम बहुत कम करना.
अगर आप स्वयं या आपके कोई परिचित यह समझते हैं कि आप बिल्कुल फिट हैं, आपको कैल्सियम या विटामिन डी की कोई कमी नहीं है तो इस ऊपर के उदाहरण को फिर से पढ़िये. एक तीस वर्ष के आसपास की आयु का बिल्कुल फिट जवान आदमी अचानक ही अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हो सका.
मेरी 35-40 वर्ष से ऊपर के सभी स्वस्थ /अस्वस्थ महिलाओं और पुरुषों से विनम्र प्रार्थना है कि अगर आप पहले से विटामिन डी और विटामिन बी 12 नहीं ले रहे हैं तो एक बार विटामिन डी व विटामिन बी 12 का टैस्ट जरूर करा लें. अगर आपकी ये दोनों रिपोर्ट सही आयें तो इसी पोस्ट के नीचे अपनी रिपोर्ट शेयर करते हुये अपने 2000₹ बेकार करने के लिये मुझे बहुत बुरा भला कहें..
लेकिन मेरा दावा है कि 35-40 वर्ष की आयु से अधिक वाले 90% से अधिक का विटामिन डी और विटामिन बी 12 लेवल जरूर जरूर कम आयेगा, बहुत कम आयेगा.
कृपया एक बार ये दोनों टैस्ट जरूर करवा लें. और भविष्य में हो सकने वाली बीसियों बीमारियों को होने से पहले ही अपने से दूर रखिये.
डरिये. क्योंकि डरना जरुरी है.
बैठे बैठे अचानक पैर 'फ्रीज' हो जाना.
डॉ रिंकी सिद्धार्थ
USA की एक बड़ी कम्पनी है United Health Group. इसकी कुछ शाखायें हमारे देश में भी हैं.. मेरे छोटे बहनोई कुछ समय पहले तक इसी कम्पनी में कार्य कर रहे थे. फिलहाल भारत में इस कम्पनी को OPTUM के नाम से भी जाना जाता है.
लगभग दो ढाई वर्ष पहले की बात है. उसी कम्पनी की ग्रेटर नोएडा ब्रांच में एक युवा इंजीनियर जॉब कर रहे थे. अभी शादी हुई नहीं थी तो अकेले ही एक कमरे में रहते थे. सुबह उठकर नहा धोकर ऑफिस के समय से बहुत पहले ही ऑफिस पहुंच जाते थे. वहां ऑफिस की कैन्टीन में ही नाश्ता करने के बाद अपने केबिन में पहुंचकर कम्प्यूटर पर शुरु हो जाते थे. दिन में खाना ऑफिस कैन्टीन में. शाम को ऑफिस टाइम के बाद भी रुकना. वहीं डिनर करना और रात को 9-10 बजे के आसपास कमरे पर जाकर सो जाना.
यह सज्जन कई बार शनिवार और रविवार (वहां 5 day week चलता है) को भी ऑफिस चले जाते थे. ज़िन्दगी आराम की गुजर रही थी.
एक दिन ऑफिस में बैठे हुये इन सज्जन को टॉयलेट जाने की आवश्यकता महसूस हुई. लेकिन वह अपने पैरों को हिला ही नहीं सके. खड़े होना चाह रहे थे -खड़े न हो सके. उन्होंने अपने आसपास बैठे साथियों को आवाज देकर बताया कि मैं खड़ा नहीं हो पा रहा हूं, तो साथियों ने समझा कि वह मजाक कर रहे हैं. यह सज्जन रूआंसा हो उठे और इनकी आवाज बहुत घबराकर निकलने लगी तब जाकर इनके मित्रों ने इनकी बात को सीरियसली लिया. उन्होंने खड़े करने की कोशिश की, पर यह तो पैरों पर खड़े हो नहीं हो पा रहे थे. तुरन्त एक बड़े अस्पताल को फोन कर एम्बुलेंस बुलाई गई. उन्हें उठाकर एम्बुलेंस में और फिर अस्पताल पहुंचाया गया. वहां पहुंचकर कई टैस्ट किये गये तो पता चला कि शरीर में विटामिन डी लगभग समाप्त हो गया था, और इसकी वजह से उनके घुटनों में जोड़ सूखकर अकड़ गये थे.
उनको अगले दो दिनों में 6-6 लाख IU के विटामिन डी के तीन इंजेक्शन लगाये गये. कैल्सियम व विटामिन बी 12 के भी हैवी डोज दिये गये. 4-5 दिन हॉस्पीटल रहकर घर वापस आ गये.
और इस पूरी समस्या की वजह?? धूप में बिल्कुल न निकलना. हर समय AC में रहना.. दूध, दही, कच्चा पनीर जैसी चीजों का बहुत कम प्रयोग करना. शारीरिक व्यायाम बहुत कम करना.
अगर आप स्वयं या आपके कोई परिचित यह समझते हैं कि आप बिल्कुल फिट हैं, आपको कैल्सियम या विटामिन डी की कोई कमी नहीं है तो इस ऊपर के उदाहरण को फिर से पढ़िये. एक तीस वर्ष के आसपास की आयु का बिल्कुल फिट जवान आदमी अचानक ही अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हो सका.
मेरी 35-40 वर्ष से ऊपर के सभी स्वस्थ /अस्वस्थ महिलाओं और पुरुषों से विनम्र प्रार्थना है कि अगर आप पहले से विटामिन डी और विटामिन बी 12 नहीं ले रहे हैं तो एक बार विटामिन डी व विटामिन बी 12 का टैस्ट जरूर करा लें. अगर आपकी ये दोनों रिपोर्ट सही आयें तो इसी पोस्ट के नीचे अपनी रिपोर्ट शेयर करते हुये अपने 2000₹ बेकार करने के लिये मुझे बहुत बुरा भला कहें..
लेकिन मेरा दावा है कि 35-40 वर्ष की आयु से अधिक वाले 90% से अधिक का विटामिन डी और विटामिन बी 12 लेवल जरूर जरूर कम आयेगा, बहुत कम आयेगा.
कृपया एक बार ये दोनों टैस्ट जरूर करवा लें. और भविष्य में हो सकने वाली बीसियों बीमारियों को होने से पहले ही अपने से दूर रखिये.
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 122वीं जयंती - राम प्रसाद 'बिस्मिल' और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
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