अब कचरे से इको फ्रैंडली
(पर्यावरण स्नेही) ईंट तैयार होगी, जो मिट्टी की ईंट से सस्ती, हल्की और टिकाऊ होगी।शावक
नानावटी टेक्निकल इंस्टीट्यूट (एसएनटीआई) के छात्रों ने जुस्को के गौरव आनंद की
मदद से इको फ्रैंडली ब्रिक्स तैयार की है।
इस ईंट को फ्लाई ऐश, एलडी स्लैग, रिवर पंप हाउस से निकलने वाले
कचरे, जिप्सन, लाइम पाउडर (चूना) और सीमेंट से
तैयार किया है। मिट्टी की सामान्य ईंट की कीमत लगभग छह रुपये आती है। लेकिन, इस ईंट की उत्पादन लागत 3.80 रुपये होगी। इस ईंट को एसएनटीआई
के छात्र महादेव प्रमाणिक, वाई.
शशिकांत, शेख
फारूख, मिराज, नूर अहमद और पीथो कृष्णा ने
तैयार किया है। ईंट निर्माण और उसकी मजबूती से छात्र उत्साहित हैं और जल्द ही इसका
पेटेंट कराएंगे। टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई, जुस्को ने सितंबर 2018 से इस इको फ्रैंडली ईंट का
वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने की घोषणा की है, जो सामान्य ईंट का विकल्प होगा
और शुरुआती दौर में चहारदीवारी निर्माण में इसे इस्तेमाल में लाया जाएगा।
700 ग्राम तक है हल्का : कचरे से
तैयार यह ईंट सामान्य ईंट से 700 ग्राम तक हल्की है। मिट्टी की सामान्य ईंट लगभग 3.5 किलोग्राम तक होती है। लेकिन, इको फ्रैंडली ईंट का वजन 2.8 किलोग्राम तक है। इस ईंट की
बड़ी खासियत है उसका ऊर्जा अवशोषण। यह ईंट बाहर की गर्मी से अंदर का तापमान पांच
डिग्री तक कम रखेगी। इस ईंट की बड़ी खासियत यह है कि बारिश के थपेड़ों में यह ईंट
और मजबूत होगी।
झेल सकती है भूकंप के झटके :
महादेव बताते हैं कि उन्होंने ईंटों का इंटर लॉकिंग के रूप में नया डिजाइन तैयार
किया है। ईंटों के ब्लॉक को आपस में इस तरह से जोड़े जाएंगे कि यह भूकंप के झटकों
को भी आसानी से झेल सकें। ईंट भूकंप की तीव्रता को ऊपर जाने नहीं देगी।
गरीबों की मदद के रूप में आया
आइडिया : महादेव प्रमाणिक बताते हैं कि वे मूलत: ओडिसा से हैं। जहां पत्थर की एक
ईंट की कीमत लगभग 10 रुपये है। सरकार ने मिट्टी व बालू के खनन पर रोक लगा दी है। इसलिए
वह मिट्टी के ईंट का विकल्प तलाश रहे थे, जो सस्ती और टिकाऊ हो। जमशेदपुर
आने पर देखा कि टाटा स्टील से निकलने वाले एलडी स्लैग, फ्लाई ऐश और फिल्टर प्लांट से
निकलने वाले कीचड़ के निस्तारण को लेकर समस्या है। उसे किसी खेत या नदी में वापस
नहीं डा़ला जा सकता था। खेतों में ड़ालने से उसकी उर्वरकता समाप्त हो जाएगी। इसलिए
जुस्को के अधिकारी गौरव आनंद की मदद से इन वेस्ट मटेरियल्स को लेकर इको फ्रैंडली
ईट बनाने की पहल की। छह-सात महीनों की शोध के बाद मैं इसमें सफल हुआ।
इको फ्रैंडली ब्रिक्स के और भी
हैं फायदे ::
-इंटर लॉकिंग डिजाइन से घर मजबूत
बनेगा।
-घर निर्माण की लागत में कमी
आएगी।
-इंटर लॉकिंग डिजाइन के कारण ईंट
को जोड़ने के लिए बालू-सीमेंट के मिश्रण की खपत कम होगी।
-कम समय में मकान तैयार होगा।
-मैनपावर भी कम खर्च होगा।
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