धरती और आकाश के बाद अब भारत समंदर से परमाणु हमला करने में सक्षम पांच विशिष्ट देशों के क्लब में शामिल हो गया है। मध्यम दूरी की के-15 बैलिस्टिक मिसाइल का रविवार को भारत ने सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल को जल्द ही स्वदेश में विकसित परमाणु पनडुब्बी अरिहंत में लगाया जाएगा। बंगाल की खाड़ी में यह परीक्षण पानी के भीतर से दोपहर करीब 1 बजकर 40 मिनट पर किया गया। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मिसाइल की कामयाबी पर डीआरडीओ को बधाई दी है। सूत्रों के मुताबिक इस मिसाइल का इससे पहले विभिन्न नामों से 10 बार परीक्षण किया जा चुका है और रविवार को इसका अंतिम परीक्षण किया गया। 11वां परीक्षण सफल होते ही भारत ने पहली बार इस मिसाइल के बारे में दुनिया को बताया। भारत से पहले अमेरिका, फ्रांस, रूस और चीन के पास ही इस तरह की मिसाइल दागने में सक्षम थे। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख वीके सारस्वत ने बताया कि के-15 मिसाइल ने परीक्षण के सभी मानकों को पूरा किया है। उनके मुताबिक मध्यम दूरी की यह मिसाइल पंद्रह सौ किमी तक मार करने में सक्षम है। मध्यम दूरी की मिसाइलें 600 किमी से 2000 किमी तक मार करने में सक्षम मानी जाती हैं। सारस्वत ने बताया कि इस परीक्षण के बाद अब के-15 मिसाइल को विकास की प्रक्रिया से गुजर रही स्वदेशी पनडुब्बी आइएनएस अरिहंत में लगाया जाएगा। यह मिसाइल डीआरडीओ के उस अभियान का एक हिस्सा है, जिसके तहत भारत के सुरक्षाबलों के लिए पानी के अंदर से मार करने वाले मिसाइलों का विकास किया जा रहा है। इस मिसाइल को बीओ5 के नाम से भी जाना जाता है। इसके विकास की जिम्मेदारी डीआरडीओ के हैदराबाद स्थित रक्षा अनुसंधान व विकास प्रयोगशाला को सौंपी गई थी। सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ कोमोडोर (सेवानिवृत्त) उदय भास्कर ने डीआरडीओ की इस सफलता को महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि पनडुब्बी आधारित मिसाइल तकनीक में दक्षता हासिल करना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इससे सेना की मारक क्षमता में नई धार आएगी। एक अन्य रक्षा विशेषज्ञ देबा मोहंती के मुताबिक के-15 मिसाइल के सफल परीक्षण से भारत ने वैश्विक सैन्य क्षमता के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है। डीआरडीओ पानी के अंदर से मार करने वाले दो और मिसाइलों का विकास करने में जुटा है। इनमें ब्रह्मोस भी शामिल है। भारत ने पिछले वर्ष 19 अप्रैल को पांच हजार किमी से ज्यादा दूरी तक मार करने में सक्षम अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।
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