Wednesday 7 January 2015

रहने लायक आठ ग्रहों को खोजा खगोलविदों ने

अंतरिक्ष में जीवन की संभावना खोजने में लगे खगोलविदों ने आठ ऐसे ग्रहों का पता लगाया है, जो धरती के आकार-प्रकार का है और जिन्हें रहने लायक माना जा रहा है। इनमें से दो ग्रहों की पृथ्वी से बहुत अधिक समानता पाई गई है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि ये आठों ग्रह अपने तारों की उतनी ही दूरी से परिक्रमा कर रहे हैं, जिससे इनकी सतहों पर पानी की संभावना हो सकती है। खगोल वैज्ञानिक इन ग्रहों पर धरती जैसे चट्टान पाए जाने की भी संभावना जता रहे हैं।
हार्वर्ड-स्मिथसोनियन खगोल भौतिकी केंद्र में शोधपत्र के प्रमुख लेखक गिलेरमो टॉरेस ने कहा कि जिन दो ग्रहों की धरती से अत्यधिक समानता पाई गई है, उनके नाम केपलर-438बी और केपलर-442बी हैं। ये दोनों ग्रह लाल बौने तारों की परिक्रमा कर रहे हैं, जो हमारे सूर्य से छोटे और अपेक्षाकृत ठंडे हैं।
इन ग्रहों का पता नासा की केपलर अंतरिक्ष दूरबीन ने लगाया है। इसके साथ ही केपलर द्वारा खोजे गए ग्रहों की संख्या एक हजार से अधिक हो गई है। उल्लेखनीय है कि केपलर दूरबीन हमारे सौरमंडल से बाहर डेढ़ लाख से अधिक तारों की लगातार निगरानी करती रहती है। शोधपत्र के दूसरे लेखक डेविड किपिंग ने कहा कि हम पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं कि ये ग्रह सच में रहने लायक हैं या नहीं। फिलहाल हम सिर्फ इतना कह सकते हैं ये भविष्य के लिए हमारी आशाओं के केंद्र हैं।
किसी ग्रह को कब माना जाता है रहने के लायक
किसी ग्रह को रहने लायक तभी माना जाता है, जब वह अपने तारे से लगभग उतना ही प्रकाश लेता है, जितनी कि हमारी धरती सूर्य से लेती है। इससे ज्यादा प्रकाश आने से पानी भाप बनकर उड़ जाएगा और कम प्रकाश मिलने पर पानी जमकर बर्फ बन जाएगा। उदाहरण के लिए शुक्र ग्रह पर धरती की तुलना में दोगुना प्रकाश आता है और वहां सतह पर पानी की संभावना नहीं है।
केपलर-438बी- 
  • -आकार में धरती से 12 फीसद बड़ा है।
  • -35.2 दिनों में अपने तारे की परिक्रमा करता है।
  • -ग्रह पर चट्टान पाए जाने की 70 फीसद संभावना।
  • -धरती की तुलना में 40 फीसद अधिक प्रकाश ग्रहण करता है।
  • -यहां पर जीवन की संभावना 70 फीसद मानी जा रही है।
  • -धरती से 475 प्रकाश वर्ष दूर।
केपलर-442बी

  • -आकार में धरती से 33 फीसद बड़ा है।
  • -112 दिनों में अपने तारे की परिक्रमा करता है।
  • -चट्टान पाए जाने की 60 फीसद संभावना।
  • -धरती की तुलना में दो तिहाई अधिक प्रकाश ग्रहण करता है।
  • -यहां पर जीवन की संभावना 97 फीसद मानी जा रही है।
  • -धरती से 1,100 प्रकाश वर्ष दूर।

मेवाड़ अवार्ड -लेखन के लिए पुरस्कार

शशांक द्विवेदी 

वैसे तो साल 2014 ने मुझे बहुत कुछ दिया...लेखन के लिए इस साल एबीपी न्यूज द्वारा पुरस्कार मिला...साल बीतते भी लेखन पत्रकारिता के लिए एक पुरस्कार मिल गया वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के ऑडिटोरियम में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती(24dec) पर आयोजित दसवें पत्रकार प्रोत्साहन पुरस्कार समारोह में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल आए 11पत्रकारोंसमेत 46 को पुरस्कृत किया गया।फीचर राइटर श्रेणी में मुझे भी पुरस्कृत किया गया ..
उल्लेखनीय सेवाओं के लिए दो वरिष्ठ पत्रकारों व साहित्यकार यादव राव देशमुख व कुलदीप तलवार को सम्मानित किया। पत्रकार प्रोत्साहन पुरस्कार व सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि ब्रॉडकास्ट एडीटर्स एसोसिएशन के महासचिव एनके सिंह व मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने सभी पत्रकारों को मेवाड़ की ओर से शॉलप्रशस्ति पत्र,स्मृति चिह्न व नकद राशि प्रदान कर पुरस्कृत व सम्मानित किया। पुरस्कृत होने वाले पत्रकारों में पीटीआई के नेत्रपाल शर्मा प्रथमदैनिक जागरण के धीरेन्द्र मिश्र द्वितीय व हिन्दुस्तान के संजय गिरि तृतीयफोटोग्राफर्स में इंडियन एक्सप्रेस के गजेन्द्र यादव प्रथमनेशनल दुनिया के ओमपाल शर्मा द्वितीय व गिरीश चंद्र तिवारी तृतीयफीचर राइटर्स में स्वतंत्र पत्रकार सुरंजन , यथावत पत्रिका की मीतू कुमारी स्वतंत्र पत्रकार शशांक द्विवेदी , एबीपी न्यूज के कार्टूनिस्ट रजनीकांत मिश्र व न्यूज पोर्टल हमारा गाजियाबाद के गौरव शर्मा को पुरस्कृत किया गया। 
इस साल का आगाज तो अच्छा है ..प्रकाशन विभाग भारत सरकार की प्रमुख पत्रिका "योजना "के जनवरी इश्यू में में मेरा विशेष लेख प्रकाशित हुआ है ...जब भी अच्छे अख़बारों ,योजना,कुरुक्षेत्र,विज्ञान प्रगति में मेरा कोई लेख प्रकाशित होता है तो बेहद खुशी होती है ,कुछ खास महसूस होता है और यही फीलिंग मुझे ज्यादा और ज्यादा अच्छा लिखने को प्रेरित करती है ..पिछले साल भी देश के लगभग सभी प्रमुख अखबारों और प्रमुख पत्रिकाओं में मेरे लेख प्रकाशित हुए ..लेखन के लिए2015 का आगाज तो अच्छा है इसलिए उम्मीद करता हूँ कि पूरा साल अच्छा होगा यानी ..आगाज अच्छा तो अंजाम भी अच्छा होगा ..